अमृतजल
यानि की अमर करने वाला जल. गाँव में सहज और मुफ्त में उपलब्ध गोबर और गोमूत्र से बनने वाले इस अमृत जल ने मेलघाट आदिवासी किसानों को एक नयी सोच दी है. आज वे इसका इस्तेमाल आम के पौधों में ही नहीं वरन खेती में भी कर रहें है. जैविक खेती का यह मूल मन्त्र नागेश्वारा चैरिटेबल ट्रस्ट घर घर तक पंहुचा रही है.
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